धारा - 3

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धारा (भाग-3) हॉस्पिटल पहुंचकर भी धारा का मन घर मे ही लगा हुआ था..!जिसका कारण था,"देव"..!! धारा को देव की चिंता लग रही थी, " पता नही घर पर अकेले क्या कर रहा होगा वो..??" धारा ने मन ही मन सोचा..!! डॉक्टर धीरज उसकी मनःस्थिति भलीभांति समझ रहे थे !! उन्होंने धारा से कहा," धारा, ऐसे काम करोगी तो समय और धीमा लगेगा..!! पेशेन्ट्स को देखने मे, एडमिट पेशेन्ट्स को देखने मे समय जल्दी बीतेगा..!! अगर देव की चिंता में ही लगी रहोगी तो दिन पहाड़ के जैसे लगेगा !!" धारा को डॉक्टर धीरज की बात ठीक लगी। वो