विशाल छाया - 2

  • 10.1k
  • 1
  • 4.1k

(2) मगर विनोद अपनी धुन में चलता रहा । हमीद ने कई बार रुक रुक कर उन आंखों को घूरा, किसके कारण वह विनोद से पीछे रह गया ।  विनोद ने कार की पिछली सीट पर रमेश को लिटा दिया । सरला भी पिछली ही सीट पर बैठी, और विनोद अगली सीट पर बैठा ।  हमीद जैसे ही कार के समीप पहुंचा, कार स्टार्ट हो गई ।  “अरे ---अरे –सुनिये तो –रोकिए –” हमीद चिल्लाता हुआ दौड़ा मगर कार स्पीड में आ चुकी थी ।  हमीद ओर तेजी से दौड़ा, मगर उसके चेहरे पर धूल पड़ी और वह आंखें मलने