विशाल छाया - 5

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(5) “हेलो ! कर्नल विनोद स्पीकिंग ?” “इट इज सिक्स नाईन सर !” “हां हां ...कहो क्या रिपोर्ट है ?” विनोद ने कलाई घडी कि ओर देखा।  समय एक घंटे से अधिक हो गया था।  “केप्टन साहब सड़क पर जा रहे थे कि तरबी ने लिली और उसकी माँ से यह कहा कि गुप्तचर विभाग का एक आदमी उसकी निगरानी कर रहा है। उन लोंगों ने खिड़की से झाँका मगर उन्हें कोई नहीं दिखाई पड़ा। मगर फिर केप्टन साहब उनके सामने आ गए । फिर टेबि उनको फ्लैट में ले गया और फिर ...” उसकी आवाज भर्रा उठी।  “टेबि ने