नैनं छिन्दति शस्त्राणि - 66

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66 आँसुओं की नमी ने विलास की बंद आँखों में हलचल पैदा कर दी | धीरे से आँखें खोलकर उन्होंने इंदु पर एक स्नेहयुक्त मुस्कान डालने की चेष्टा की |  “आ गईं तुम ? मैं तुम्हारी ही प्रतीक्षा कर रहा था | ”विलास के क्षीण स्वर इंदु के कानों से टकराए | उसकी अश्रुपूरित बंद आँखें खुलीं | वह विलास के वक्ष से ऐसी बेल की भाँति लिपट गई जो टूटने की स्थिति में तत्पर हो |  “इंदु ! मुझे माफ़ करना, मैं तुम्हारा साथ नहीं निभा पाया ---” स्वर टूट गए ।प्रिय से मिलन की प्यासी इंदु ने विलास