इत्तेफाक - अंतिम भाग

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ओर रात तीन बजे निकल गये कुलदेवी के दर्शन के लिए। छे बज गए थे सब चाय पानी के लिए कोई ढाबे पर रुके तब अचानक मासा को याद आया की वो पालना तो घर ही भुल गई। अब आधे रास्ते से सब लोग वापस जा नही सकते तो , बाबा सा ने कहा की शैलराज आप गाडी लेके चले जाओ ओर आराम से सुबह निकल ना तबतक हम ट्रेन से माता के द्वार पहुचते है । राज घरके लिए निकल गया। वो आराम से गाडी चला रहा था करीब साडे नो बजे राज घर पहुंच गया , अपने रुम