वह अब भी वहीं है - 41

  • 4.1k
  • 1.7k

भाग -41 रमानी बहनें पार्टी में हम-दोनों के काम को लेकर दो दिन बाद बोलीं, 'तुम-दोनों ने बढ़िया काम किया। आगे से तुम-दोनों और भी ज़िम्मेदारियाँ निभाओगे।' एक अपनी बात पूरी कर ही पाई थी कि तभी दूसरी बोली, 'अब से तुम-लोग हमेशा उसी तरह की ड्रेस पहनोगे जो उस दिन पहनी थी। तुम्हें और ड्रेस मिल जाएंगी।' मैं दोनों बहनों की चालाकी पर भीतर-भीतर कुढ़ रहा था। चुपचाप उनकी बातें सुन रहा था। उनसे यह कहने की सोच रहा था कि, ड्रेस के साथ-साथ पगार में भी कुछ बढ़ोत्तरी करती तो कोई बात है। जितना और जिस तरह का