अनजान रीश्ता - 80

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अविनाश पारुल का हाथ थामे हुए गाड़ी का दरवाजा खोलते हुए इशारे से पारुल को कार में बैठने के लिए कहता है । पारुल उसे सिर का ना में हिलाते हुए मना करती है । अविनाश पारुल को उठाते हुए सीट पर बिठा देता है और दरवाजा बंद कर देता है । ड्राइवर सीट पर बैठते हुए कार चालू करते हुए कहता है। अविनाश: चाहो तो रो सकती हो! टिस्सू सामने के बॉक्स में है । पारुल: (गुस्से में) आई हेट यू....। अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) जानता हूं! और कुछ नया बताओ..!? । पारुल: बेइंतहा नफरत है तुमसे! तुम्हारी