एक घर ऐसा भी

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जिंदगी के अब तक के पड़ाव में सुख व दुख दोनों से जुड़े लम्हें जिए है। जिनसे जिंदगी में कुछ सीखा जा सके ऐसे बहुत से सज्जनों को पढ़ा है, सुना है, देखा है उनके साथ रहने का मौका मिला है। सब अपनी जगह ठीक हैं लेकिन आज अचानक से मुझे लगता है और मेरी कल्पनाएं एक ऐसी दुनियां सजा रही है जिनमें मैं पेड़-पौधों, नदी-झरनों, पहाड़ो के बीच अपना घर बनाकर रहूं। मैंं चाहता हूँ ये घर इनसब प्रकृति के प्रहरियों के बीच हो। जहां सब कुछ प्रकृति हो जहाँ का वातावरण एकदम प्रकृतिमय