प्रेत-लोक - 16

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संघतारा प्रेत अब आ चूका है और आते ही उसने अपने जाल फैलाने चालू कर दिए, वो अपनी हरकतों और अजीब-अजीब तरह की आवाजों से रुद्र और उसके दोस्तों को डराने के कोशिश करने लगा, ठीक उसी समय तांत्रिक योगीनाथ जी की पहले से सोची हुई योजना के तहत राजकुमार अचिंतन की आत्मा अब अपने सही आकर में आने लगती है और कुछ ही देर बाद चबूतरे पर एक सुन्दर, गठीला और राजसी परिवेश पहने हुए राजकुमार अचिंतन दिखाई देने लगता है, संघतारा प्रेत उसे देख कर शांत हो जाता है, और उसके पास जाने के लिए तालाब में आने