प्यार ऐसा भी - 3

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किसी भी टॉपिक पर बात करता अपनी सोच के हिसाब से खुल कर अपनी बात कहती। " "अच्छा, ज्योति तुम्हारा कोई बॉय फ्रैंड था"? एक दिन मैंने उसकी टाँग खींचते हुए पूछा, हालाँकि मैं जानता था कि उसका जवाब ना ही होगा। "हाँ था, वो बहुत गरीब परिवार से था, उसने सोचा कि इस विकलांग को प्यार और शादी का झाँसा दूँगा तो कुछ पैसा आ जाएगा, और हुआ भी यही, बस इतना है कि वो थोड़े से ही पैसे ले कर भाग गया"।मैं हैरान हो कर उसकी बातें सुन रहा था। वो परत दर परत अपने दिल की बात कहती