ग्यारह अमावस - 59

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(59)पंकज जब अजय के घर जा रहा था तो उसने गली में घुसते समय नज़ीर को देखा था। तब उसे कोई शक नहीं हुआ था। उसे लगा था कि वह भी उसकी तरह किसी से मिलने आया होगा। पर जब वह अजय के घर से लौट रहा था तो एकबार फिर उसकी नज़र नज़ीर पर पड़ी। वह उसके पीछे पीछे चल रहा था। अब उसे दाल में कुछ काला मालूम पड़ा। वह चाय की दुकान में घुस गया। वह सोच रहा था कि क्या करे ? वह पक्के तौर पर यह नहीं कह पा रहा था कि नज़ीर उसके पीछे