दो चिट्ठी

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कहा जाता है कि अगर आप किसी से दूर जाओ तो प्यार बढ़ता है। अब यह बात कितनी सही है यह नही पता पर दूर जाना ही क्यों है......जैसा तुमने कहा था, वैसे ही यहाँ आकर तुम्हें यह एक और चिट्ठी लिख रहा हूँ।आज वो लम्हा याद आया है जब हमारी भर्ती के दिन नज़दीक आ रहे थें और हम रोज़ सुबह सोहन चाचा के खेत से होते हुए प्रधान जी के समर्सिबल तक दौड़ लगाया करते थें। वापस लौटते वक्त जब जमीदार के बगीचा से गुजरते थें तो तुम दिख जाती थी। हमारे दौड़ने वाले कदम अचानक से थम