में और मेरे अहसास - 56

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खुदाया मेरी कब्र पे गुलाब चढ़ाने न आया करो lदिल मे दफन किये हुए अह्सास जिंदा हो जाते हैं ll१८-५-२०२२   *************** तेरा ज़िक्र मेरी रूह तक को हिला देता है lतेरी फ़िक्र मेरी रूह तक को हिला देती है l इस तरफ़ नाता जुड़ गया है जमनोमनं का lतुझसे दूर होने का ख्याल मेरी जान लेती है l कल क्या होगा मेरे जाने के बाद इस वास्ते lतेरी लिए एक एक साँस सजोए समेटी है ll१९-५-२०२२   *************** फ़िर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं lदिलों जान निसार करते हैं ll कभी भी बावफा हो न सकें वो lआज वफ़ा