घुटन - भाग १०  

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हवेली की बालकनी में खड़े इंसान को और अच्छे से देखने के लिए तिलक बाइक पार्क करके हवेली के सामने के एक शानदार होटल के खुले हिस्से में जाकर बैठ गया और उसने वेटर को एक चाय का आर्डर दिया। दूर से वह उस बालकनी पर खड़े इंसान को देख रहा था। वही नैन नक्श, वैसी ही काठी, देख कर तिलक को यह समझने में देर नहीं लगी कि यही वीर प्रताप है। वह सोच रहा था कि जब उसकी उम्र उसके जितनी होगी तब वह भी शायद बिल्कुल वैसा ही दिखेगा। वेटर से बात करने पर उसे पता चला