Ghutan book and story is written by Ratna Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ghutan is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
घुटन - Novels
by Ratna Pandey
in
Hindi Moral Stories
वीर प्रताप सिंह कॉलेज के समय से ही रागिनी नाम की एक लड़की से बेहद प्यार करता था। रागिनी भी उसे उतना ही चाहती थी। पाँच साल से उनका इश्क़ परवान चढ़ रहा था। वीर प्रताप सिंह अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बिज़नेस करना चाहता था लेकिन पैसों की कमी के कारण वह यह काम कर नहीं पा रहा था। जब बिज़नेस के लिए वीर को पैसों की कमी होने लगी, उन्हीं दिनों एक बहुत ही धनाढ्य परिवार से उसके लिए रिश्ता आया। लड़की का नाम था रुक्मणी, जो दिखने में भी बहुत ही सुंदर थी। वीर की बिज़नेस की सारी तमन्ना पूरी हो सकती थी यदि वह इस रिश्ते के लिए हाँ कह दे तो। ऊँची पूरी, बहुत ही खूबसूरत रुक्मणी को देखते ही वीर प्रताप उस पर इस तरह फिदा हुआ कि उसने घर जमाई तक बनना स्वीकार कर लिया। इस तरह से उसके प्यार पर दौलत और सुंदरता हावी हो गई। रुक्मणी और उसके पिता घनश्याम को वीर बहुत पसंद आ गया।
वीर प्रताप सिंह कॉलेज के समय से ही रागिनी नाम की एक लड़की से बेहद प्यार करता था। रागिनी भी उसे उतना ही चाहती थी। पाँच साल से उनका इश्क़ परवान चढ़ रहा था। वीर प्रताप सिंह अपनी पढ़ाई ...Read Moreकरने के बाद बिज़नेस करना चाहता था लेकिन पैसों की कमी के कारण वह यह काम कर नहीं पा रहा था। जब बिज़नेस के लिए वीर को पैसों की कमी होने लगी, उन्हीं दिनों एक बहुत ही धनाढ्य परिवार से उसके लिए रिश्ता आया। लड़की का नाम था रुक्मणी, जो दिखने में भी बहुत ही सुंदर थी। वीर की बिज़नेस
रुक्मणी तो रसोई में चली गई किंतु उसकी कही हुई यह बात कि "हमने कभी किसी का दिल नहीं दुखाया," वीर प्रताप के दिल को छलनी कर गई। रात को वीर जब बिस्तर पर गया तब उसका दिल और ...Read Moreभूतकाल की उन गलियों में भटकने लगा जिन्हें वह बेवफाई की चादर ओढ़ा कर भूल चुका था। उन गलियों में वह प्यार की एक ऐसी कहानी छोड़ आया था जो सिर्फ़ कहानी नहीं उसके जीवन की वह सच्चाई थी जिसे उसने अपने दिल के एक छोटे से पिंजरे में कैद कर रखा था। उस पिंजरे की सलाखों पर उसने इतना
वीर के मुँह से शादी की बात सुनते ही अपना आपा खोते हुए रागिनी ने वीर को झकझोरते हुए कहा, "तय कर दिया है, यह क्या कह रहे हो वीर," और वह वीर की बाँहों से अलग हो गई। ...Read Moreसाथ वीर?" वीर ने लड़खड़ाती ज़ुबान से कहा, "मैं नहीं जानता रागिनी, है एक लड़की रुकमणी।" "तुम नहीं जानते और बिना तुमसे पूछे, तुम्हें दिखाए बिना, विवाह तय कर दिया और तुम चुप रहे, कुछ नहीं बोले वीर? हमारे प्यार के बारे में अंकल आंटी को सब कुछ तो पता है, फिर कैसे?" आज वीर की ज़ुबान बार-बार लड़खड़ा रही
वीर रागिनी के ख़्यालों में खोया हुआ था कि तभी उसके कानों में आवाज़ आई, "वीर उठो " वीर ने चमकते हुए जैसे ही आँखें खोलीं, उसके सामने अप्सरा की तरह खूबसूरत रुक्मणी खड़ी थी। रुक्मणी ने वीर के ...Read Moreबैठकर उसके गाल पर एक प्यारा सा चुंबन कर दिया तो वीर ने उसकी सुंदरता पर मोहित होकर उसे अपनी बाँहों में भर लिया और रात की बेचैनी को भूलने की कोशिश करने लगा। रुक्मणी ने कहा, "क्या हुआ वीर, आज रात तुम बेचैन लग रहे थे। बार-बार करवटें बदल रहे थे, तबीयत तो ठीक है ना तुम्हारी?" "अरे रुकमणी
दूसरे शहर में जाने के बाद भी रागिनी की माँ अपनी बेटी की चिंता करती रहती थीं। इसी तनाव में दिन पर दिन वह कमज़ोर होती जा रही थीं। अपनी बेटी के कुंवारी माँ बनने के आघात के कारण ...Read Moreख़ुद को संभाल ही नहीं पाईं और कुछ ही हफ़्तों में हृदयाघात से उनकी मृत्यु हो गई। इतना बड़ा दर्द सहन करने की ताकत रागिनी में नहीं थी। वह मर जाना चाहती थी पर इस सब के बाद भी ज़िंदा रहने के लिए अब उसके पास दो कारण थे। एक तो उसके पिता जिनका इस दुनिया में उसके अलावा और