जुनून - इश्क या बदले का... - 19

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दिव्या अपने कान को हल्के हाथ से रब करते हुए मुंह बना कर दादी सा से , " आज तो आपने हमारे कान कि बैंड ही बजा दी ।"लेकिन जल्दी ही उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है । और वो जट से दादी सा को गले लगा कर केहती है , " आप हमारे कान खींचो के थप्पड़ मारो लेकिन हम फिर भी घर में सब से ज्यादा प्यार आप ही से करते हैं , क्योंकि आप हमारी दादी सा से ज्यादा हमारी दोस्त हैं । मोम , डेड के जाने के बाद आप ही ने तो हम तीनों