एक बेवकूफ - 3

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फिर क्या था, जम के तुड़ाई हुई। सारी फ़्रस्ट्रेस्शन उसी पे निकाली गयी।ऊपर से सच बोलने की कुछ तो सजा मिलनी ही थी उसे। फिर अच्छे से अधमरा करने के बाद उसे सेल में ही रात भर छोड़ दिया। एस.आई. परेशान की ये इतनी मार खाके भी चीखा क्यों नहीं। पर फिर उसे उसी के हाल पे छोड़ दिया जब मारते मारते थक गए तब।अगले दिन दोपहर में एस.आई. उसके पास आया और बोला कि-" क्या हाल है, कुछ मिज़ाज़ बदले की नहीं?? परन्तु वही.... वो(बेवकूफ) बिना किसी एक्सप्रेशन के उसकी आँखों में घूरता रहा। एक बारगी एस.आई. भी सकपका