कोमल तुम्हारे लिए...

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कोमल तुम्हारे लिए... जब कोई अपना शहर छोड़कर चला जाता है, तब ना जाने क्यों समय भी उसके अभाव में रिसने लगता है। ऐसे समय में मुझे मौसम भी बदला हुआ प्रतीत होता है। रात को आसमान पर चमकीला चांद भी तारों के झुंड के बीच खुद को अकेला महसूस करता हुआ मुझे दिखाई देता है। कोमल से पहली मुलाकात लगभग चार साल पहले हुई थी। हमारी मित्रता को भी उतने ही वर्ष हो चुके हैं। बीते दिनों जब उसने सूचना दी कि वह शहर छोड़कर जाने वाली है.., यह सुनते ही एक बारगी तो मेरा माथा चकरा गया। उसके