वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 13

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नंदिता के न मिलने से निराली काफी परेशान हो जाती है....इशिता उनकी परेशानी समझते हुए कहती हैं...." आप चिंता मत करिए चाची नंदिता आ जाएगी , , मैं उसे देखने जाऊंगी..."इशिता के जाने की बात सुनकर निराली राहत भरी आवाज में कहती हैं...." बेटा , मुझे तुमपर भरोसा है , तुम उसे कुछ नहीं होने दोगी..."इशिता एक स्माइल करते हुए बाहर बरामदे में आकर अपनी गन को देखकर और बूट को पहनकर, , वहां से बाहर निकल आती है , , बरखा और सोमेश हाथ में लालटेन लिए उसके पीछे पीछे चल दिए....इशिता के बाहर पहुंचते हैं चौपाल पर बैठे