राब्ता - अंतिम भाग

  • 2.9k
  • 1.4k

रविवार था सब घर में ही थे बाई आज काम पर नहीं आई हुई थी। राजेश इसी उधेड़बुन में था की क्या किया जाए। अचानक उसकी मां उसके कमरे में आ जाती है।"अरे आप क्यों… मेने मना किया था ना सीधी चढ़ने से कुछ जरूरत थी तो मुझे बुला देती।""अब क्या करूं खुद को रोक न पाई। ये देख मेने एक और लड़की ढूंढी है तेरे लिए।" उसकी मां ने उसे एक फोटो दिखाते हुए कहा।ये सुन राजेश ने अपनी मां का हाथ पकड़ा और बिस्तर पर बैठाया कुछ देर मौन रहा फिर बोल — "मां मैं ये शादी नहीं