बॉडी शैमिंग

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इंसान नहीं मजाक हूं मैं जिसे दुनिया अतरंगी नामों से पुकारती है सांवला सा रंग है मेरा कद काठी भी कुछ खास नहीं दिखने में मोटी सी हूं नाक भी थोड़ी टेडी है आंखें पूरी खुलती नहीं ना गालों पर डिंपल पड़ते हैं चाल में अदाएं नहीं बातों में मिठास नहीं ना गुलाब की पंखुड़ियों से होठ है दांत भी मोती से चमकीले नहीं ना पतली सी कमर है ना सुरीली सी गर्दन ना बदन से सुलगते अंगारे ना खूबसूरत झील सी निगाहें बेढगी से बाल है कपड़े पहनने का सलिका भी नहीं ना किसी की नजर मुझ पर ठहरती