स्वाद वो भी आपकी मां के हाथों के बनाए खाने में

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आज क्या बनाऊं समझ नहीं आ रहा, रागिनी ने अपने पति से कहा।सुनो!! आज जैसे मेरी मां दाल बनाती थी वैसी दाल बनाओ ना! बड़ा मन है खाने का।रागिनी का पति कुछ सोचते हुए बोला।उसे भी खाने का क्या मन कर रहा है आपका! दाल होती थी वो! बिल्कुल कढ़ी लगती थी वो और छोंक के नाम पर सिर्फ जीरा।रागिनी अपने पति की बात सुन तंज कसते हुए बोली।हमें तो वही दाल पसंद थी सच कितनी स्वादिष्ट लगती थी। जब भी मां बनाती हम सभी बहन भाई टूट पड़ते।रागिनी का पति मुस्कुराते हुए बोला।वैसे आपको वही सब स्वादिष्ट लगती होगी