तुम चलो मैं घर आती हूं

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यरूशलेम। जैतून के ऐतिहासिक पर्वत पर, जैतून के एक वृक्ष से जब आखिरी चिडि़या भी जैतून के फल को नोचकर उड़ गई तो इसके साथ ही राजा दाऊद के टॉवर से पीछे खिसकते हुये सूर्य ने भी अपना मुंह छिपा लिया। जाड़े के दिन थे और वातावरण का शव शाम की बढ़ती हुई शीत के कारण ठिठुरने लगा था। सामने और नीचे की तरफ तक किद्रोन की मशहूर ऐतिहासिक सूनी घाटी भी जैसे अब पलकें बंद करके सोने की तैयारी कर चुकी थी। जैतून के पर्वत पर बना हुआ यहूदियों का कब्रिस्थान अपनी मनहूसियत से ज्यादा अपनी ऐतिहासिक इबारतों को