तुम बिन जिया जाए ना - 10

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"हैलो बेटा कैसे हो और कैसी चल रही है तुम्हारी पढ़ाई" रेशमा अपने दूसरे बेटे समीर से बात कर रही थी जो पढ़ाई के कारण बाहर रह रहा था।"पढ़ाई भी अच्छी चल रही है हमेशा की तरह बस आपकी बहुत याद आ रही है" समीर ने अपनी मां से कहा।"याद तो मैं भी कर रही हूं वैसे तुम एक चक्कर लगा क्यों नहीं देते, इतने दिन हो गए हैं यहां से गए हुए बस अपनी फिक्र रहती है तुम सबको मेरी परवाह किसी को नहीं होती कितना याद करती हूं मैं तुम्हें" इसका लहजा दुख भरा था। "आप दुखी ना