दूर ---दर्शन

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नीलम कुलश्रेष्ठ वाह ! फ़िल्मी दुनियां ? दूरदर्शन पर दिखा रहे हैं इस शताब्दी के शंहशाह के बेटे की शादी का बेशकीमती आमंत्रण पत्र है।--परत --दर --परत खोलते जाइये --सबसे पहले एक नफ़ीस काग़ज़ पर बच्चन जी की कविता पढ़िये --फिर आमंत्रण पत्र ---लेकिन रुकिये --अभी कहाँ इसके नीचे करीने से सजी मिठाइयाँ भी हैं। हाय ! बड़े ख़ुशनसीब हैं वे लोग जिन्हें गिफ़्ट हैम्परनुमा ये नायब तोहफ़ा मिला है हमसे तो ये ऊँचे --न --न---बेहद ऊँचे लोग हैं, यदि गर्दन उठाकर देखो तो यदि टोपी पहन रक्खी हो तो पाताल में जा गिरे। गर्दन को झटका लग जाये वह