में और मेरे अहसास - 69

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1. आज निशा याद ले आई lकैसे भूलेंगे वो है हरजाई ll बेवफा को आवाज न देगे lन बुलाएंगे कसम है खाई ll१-१२-२०२२ 2.चांद बादलों से निकल आया lजगमगाती रोशनी साथ लाया ll निशा को भर दिया सितारों से lआँखों ही में सारी रात जगाया ll२-१२-२०२२ 3.बेपन्हा मुहब्बत की है lजिंदगी इनायत की है ll गुस्ताखी भी कह सकते हो lइश्क़ की इबादत की है ll दिल क्यूँ न फिदा हो जाए lबात तो नफ़ासत की है ll लिखावट की तहज़ीब देख lलिखाई सराफत की है ll एतबार रख खुद पे सखी lजीत सदा सदाकत की है ll३-१२-२०२२नफ़ासत - सुंदरतासदाकत