मीत (भाग-५) - अंतिम भाग

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अब तक आपने पढ़ा - मीत को लेकर प्रिया असमंजस की स्थिति में है।अब आगे...मैं आज की पीढ़ी के अनुसार बोरिंग हो सकती हूँ पर हम दोनों जब भी साथ रहें ज़िन्दगी खुशनुमा सी लगीं । पर अब मीत के लिए मेरी भावना बदल रहीं हैं..बदलतीं भावनाओं के बावजूद मन अब भी मीत से बंधा हुआ था। मीत हर बात में अच्छा था.. शायद मैं ही समझ नहीं पाई उसकी बात को। मन अब भी मीत की पैरवी कर रहा था।मैंने अलमारी से हरे रंग की ड्रेस निकाली जो कपड़ो की तह में सबसे नीचे रखी हुई थीं । जबसे