ख़ौफ़ की वो रात (भाग-4)

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अब तक आपने पढ़ा - राहुल अधेड़ उम्र की महिला के साथ एक जर्जर से मकान में आ जाता है।अब आगें...अरे साहब ! हम है मुड़िया । माचिस की तीली खत्म हो गई है। आपके पास माचिस है क्या ? मेरा दिल जोर- जोर से धड़क रहा था। हाथ-पैर कांप रहे थे। मैंने कांपते हाथों से अपनी जीन्स की दोनों जेब टटोली । एक जेब मे लाइटर मिल गया। लाइटर देते हुए मैंने उस महिला से कहा - माचिस नहीं है इसी से काम चला लो। "हो साहेब" - लाइटर लेकर वह महिला कमरे से बाहर चली गई। मैं फ़िर