मुस्कान - एक अधूरी प्रेम कहानी - 2

  • 8.7k
  • 5.9k

मुस्कान- क्या आप पागल हो ? हे भगवान अब मैं क्या करूं ! आपको ऐसे आने के लिए किसने कहा था ? दिनेश हंसते हुए बोला- डोंट वरी मुस्कान जी आज 1 अप्रैल है... अप्रैल फूल बन गए आपमुस्कान थोड़ी नाराज होते हुए बोली- हे भगवान मैं तो डर ही गई थी आप भी ना.. ऐसे कोई मजाक करता है भला दिनेश- हम तो ऐसे ही हैं बच्चा अगले दिन दिनेश- गुड मॉर्निंग मैडम जी मुस्कान- गुड मॉर्निंग बाबाजी... मुस्कान कल की बात याद करते हुए बोली- कल प्लेन स्टेशन पर उतरा था आपका दिनेश- हां स्टेशन पर उतरा