श्राप एक रहस्य - 26

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वो (चंदन मित्तल ) गाड़ी के पीछे बैठे ऊंघ रहे थे। लेकिन फ़िर उन्हें महसूस हुआ रास्ते घुमावदार होने लगे है। एक झटके में वो उठ बैठे। "अरे यार अखिलेश ये घाटियों वाले रास्ते को क्यों लिया तूने, इधर का माहौल ठीक नहीं है। देख गाड़ी मोड़, हाईवे से होकर चलते है।"लेकिन अखिलेश जी ने कोई जवाब नहीं दिया। वे तेज़ी से कार दौड़ाते रहे। पीछे बहुत देर तक कुछ बुदबुदाने के बाद चंदन मित्तल एक बार फ़िर नींद के आगोश में चले गए। घाटी से थोड़ी ही दूर पर गाड़ी रुकी। यहां झाड़ियों की वजह से घना अंधेरा था।