परम भागवत प्रह्लाद जी - भाग30 - तपस्वी प्रह्लाद और इन्द्र का संवाद

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[इन्द्र द्वारा पुनः राज्यप्राप्ति, विरोचन को राज्य-समर्पण] जिस समय छल से देवराज इन्द्र ने सत्यव्रत प्रह्लाद के ऐश्वर्य को अपहरण किया था, जिस समय कपट विप्रवेष बना कर इन्द्र ने दैत्यर्षि प्रह्लाद के शील की याचना करके उनको ठगा था और जिस समय तीनों लोक के अधीश्वर परम भागवत प्रह्लाद को क्षणभर में भिखारी बना दिया था, उस समय का दृश्य लौकिक दृष्टि से बड़ा ही करुणापूर्ण था। इन्द्र द्वारा प्रह्लाद के इस प्रकार छले जाने की तुलना हम राजा बलि के वामनभगवान् द्वारा छले जाने से नहीं कर सकते। इसमें सन्देह नहीं कि, इन्द्र और भगवान् वामन एक ही