महानायक के संग्राम

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एक बहुत ही प्यारी और निखरी गाँव में रहने वाले वीर युवक का नाम था रामू। रामू ने बचपन से ही शौर्य और वीरता के साथ जीवन जीने का संकल्प लिया था। उसके घर के पास ही एक शिव मंदिर था, जहां उसे सुबह-सुबह जाकर देवी-देवताओं की पूजा करनी पड़ती थी।एक दिन, जब रामू मंदिर में था, तभी एक वृद्ध व्यक्ति उससे बात करने लगा। वह बताया कि इन दिनों एक बड़ा संघर्ष चल रहा है जो देश को आपस में द्विरोध कर रहा है। वे लोग नामुमकिन कार्यों को करने से नहीं घबराते और इसलिए उनसे लड़ने के लिए