रानी अवंतीबाई

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ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी येनकेन प्रकारेण रियासतों को हड़पने लगी थी | 1857 में भारत में घमासान युद्ध छिड गया था | ब्रिटिश के विरुद्ध राजाओं ,रजवाड़ो और जमींदारों ने अपनी मातृभूमि को ब्रिटिश राज के जुए से उतार फेंकने के लिए युद्ध आरम्भ कर दिया था | लोग अपने प्राणों का मोह त्यागकर युद्ध कर रहे थे | भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में अपना सर्वस्व बलिदान करने वाला एक नाम रामगढ़ की रानी अवंतीबाई (Rani Avantibai) का है |अवंतीबाई (Rani Avantibai) सन 1857 की अग्रणी थी | तत्कालीन रामगढ़ , वर्तमान मध्यप्रदेश के मंडला जिले के अंतर्गत चार हजार वर्गमील