तेरे मेरे दरमियाँ..

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फरवरी का मौसम,हल्की गुलाबी ठण्ड,मिस्टर गुप्ता और मिसेज गुप्ता दोपहर का भोजन करके धूप सेंकने बाँलकनी में बैठे हैं तभी मिस्टर गुप्ता ने मिसेज गुप्ता की फोटो खीचते हुए कहा... "जरा इधर देखना" "क्या ?आपको भी बुढ़ापे में मेरी फोटो खींचने का शौक चर्राया है",मिसेज गुप्ता बोलीं... "मौहब्बत जताने की कोई उमर नहीं होती,विमला जी!,आप तो मेरे लिए अब भी वहीं हैं जो काँलेज के समय हुआ करतीं थीं",मिस्टर गुप्ता बोलें.... "आपका आशिकाना अन्दाज़ गया नहीं अब तक"मिसेज गुप्ता बोलीं... "जब सामने आशिकी बैठी हो तो बेचारा ये आशिक क्या करे?,मिस्टर गुप्ता बोलें.... "देखो !मिस्टर आशिक !अब कुछ ज्यादा ही