साहब बदले हैं दलाल नहीं बदला है !

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साहब बदले हैं दलाल नहीं बदला है !   किस साल बदला है मेरा हाल नहीं बदला है , सीता सागर या तरणताल नहीं बदला है ! दिल्ली- पंजाब में जाकर के कोई देखे , सिर्फ बदली है दुकान माल नहीं बदला है ! मछलियों को तो मुकद्दर में लिखा है फंसना, बदले मछुआरे मगर जाल नहीं बदला है ! कोई घटना या किसी हादसे पर दफ्तर के , साहब बदले हैं दलाल नहीं बदला है ! जो भी आता है वही इसको ओढ़ लेता है , भेड़िया बदला है मगर हाल  नहीं बदला है!!             धीरू भाई अम्बानी को