अधुरी इच्छा

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पहाड़ो से घिरा गांव , गांव के मध्य कालू का घर , कालू के घर में गौर वर्ण सुन्दर सुशीला चंचल नयनी गृह कार्य में दक्ष उसकी पुत्री.. नाम लच्छी । कालू एक मजदूर कृषकाय दूसरो के खेतों में काम करता अपने परिवार का भरण पोषण करता । उसकी पत्नी नारंगी.. लंबी बिमारी से बिमार.. उसकी देखभाल पिता पुत्री दोनों करते, वह चल फिर नही सकती । उसका इलाज गांव के वैद्य जी कर रहे थे । उस जमाने में लोग अंग्रजी दवा न लेकर अपना इलाज जड़ी बूंटी से खुद कर लिया करते । कालू वैद्य जी के घर