उजाले की ओर –संस्मरण

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मानसिक संत्रास की परिधि में पीढ़ियाँ !! ========================= स्नेहिल मित्रों नमस्कार अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यान माला, उज्जैन में मुझे आमंत्रित किया गया था | जिसके विषय का चयन भी मुझ पर छोड़ दिया गया था |पहले महिलाओं की मानसिक संत्रास की बात की गई थी किन्तु मुझे यह अहसास हुआ कि मन व तन की स्वस्थता पुरुष अथवा स्त्री सबके लिए आवश्यक है। मेरा यह व्याख्यान उज्जैन की प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाने वाली व्याख्यान श्रृंखला में सम्मिलित है। जिसे व्याख्यान हाल में उपस्थित विद्वानों द्वारा सराहना प्राप्त हुई। उज्जैन के अनेक समाचार पत्रों ने मेरे वाक्य की हैडलाइन से