एहिवात - भाग 17

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चिन्मय एवम नाटक में भाग लेने वाले सभी छात्रों ने अपने शिक्षक के आदेश को शिरोधार्य करते कोल आदिवासी समाज के रहन सहन एव संस्कृति को जानने सीखने की गम्भीरता से कोशिश करना शुरू कर दिया साथ ही साथ इस बात का विशेष ख्याल रखते की उनके किसी आचरण से कोल समुदाय का कोई सदस्य आहत ना हो । सुबह विद्यालय के छात्र कोल बस्तीयों में पहुंच जाते और शाम होते ही लौट आते पंद्रह दिन का सीमित समय इसी दौरान बोली भाषा खान पान आदि के विषय मे जानकारी प्राप्त करना एव उंसे आचरण में उतारना मुश्किल कार्य था