मेरी चुनिंदा लघुकथाएँ - 14

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लघुकथा क्रमांक : 37नेतागिरी------------अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ वह छुटभैया नेता भगवान श्री गणेशजी की शरण में जा पहुँचा। कैमरे और उनकी फ़्लैश लाइटें चमकने लगीं। अपने चरणों में झुके नेता को देखकर भगवान विघ्नविनाशक रहस्यमयी हास्य के साथ बोले, "वत्स ! अपनी पार्टी के नेता की गिरफ्तारी से दुःखी होकर उसे छुड़ाने की आस लिए हुए तुम मेरे पास आए हो।"उनके चरणों में नतमस्तक वह नेता बोला, "क्षमा करें प्रभु ! आप तो अंतर्यामी हैं। आपसे क्या छिपाना ? दुनिया चाहे जो समझे, मैं तो आपका शुक्रिया अदा करने आया हूँ भगवन ! आपसे प्रार्थना है, इसी तरह एक