फरिश्ता

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दूर तलक नज़र आते रोड का उसने एक ही नज़र में मुआयना किया था!कोई नहीं था!ना कोई ऑटो ना कोई टेक्सी!कभी कभी इक्का दुक्का कोई गाड़ी उधर से गुज़र जाती थी!मगर किसी गाड़ी में लिफ्ट लेना उसके बस की बात नहीं थी!आजकल के माहौल को देखते हुए वह ऐसे काम करने से बाज़ ही रहती थी!इस वक़्त एक हल्का सा ख्याल गुज़रा था!कि काश उसका भी कोई भाई होता जिसे वह फ़ोन करके बुलाती और घर पहुंच जाती!आज उसकी कैब निकल गई थी!निदा की शादी की वजह से उसे ओवर टाइम काम करना पड़ रहा था! अगली कैब सुबह 6