द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 28

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एपिसोड 28"हाँ पिता जी!" रूपवती ने कहा। उसकी आवाज़ में कोई अहंकार नहीं था क्योंकि उसने अपना परिचय राजपरिवार से दिया था। वह शब्दों पर अपनी पकड़ खोए बिना बोली। "राजकुमारी...राजकुमारी..! राजकुमारी.." दो या तीन महिलाओं ने उसी तरह पुकारा जैसे वे तब करती हैं जब वे एक ही व्यक्ति को लेकर उत्साहित होती हैं। आवाज़ सुनकर रूपवती और महारानी दोनों ने सामने देखा, रूपवती की उम्र की चार-पाँच लड़कियाँ मंदिर में आई थीं। वे लड़कियाँ रूपवती की सहेलियाँ होंगी। "युवराजजी रूपवती! हम तुम्हें कब से ढूंढ रहे हैं, अरे, मेले में आ रही हो!" वहां एकत्रित चार-पांच लड़कियों में