द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 31

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एपिसोड 31□□□□□□□□□□□□□□□□ चंद्रमा की नीली रोशनी में रहजगढ़ के द्वार पर पांच सफेद तंबू लगे हुए थे। हर तंबू में एक लालटेन जल रही थी, उस लालटेन की रोशनी में कोंडुबा डिन्या और कुछ सैनिक आराम करते दिख रहे थे, जबकि बाकी दस या बारह सैनिक हाथों में तलवार और भाले लेकर गेट की निगरानी कर रहे थे। दूर से वही भूरा घोड़ा हिनहिनाता हुआ आया और सैनिकों के सामने रुक गया। घोड़े की आवाज सुनकर तंबू में सो रहे बाकी सैनिक बाहर आ गए। तभी एक आदमी घोड़े से उतरा... दोस्तों, यह वही आदमी था जिसने मेले के नियम