एकता

  • 1.5k
  • 483

यह कहानी है जमशेदपुर के व्यापारी के बारे में है। उसके चार पुत्र होते हैं। बचपन में तो घुल मिलकर रहते हैं लेकिन बड़ा होने पर वे आपस में झगड़ने लगते हैं पर जो व्यापारी है वह इस बात से परेशान है कि उसके बेटे बात-बात पर झगड़ा शुरू कर देते हैं काम की कोई बात नहीं करते । मां का पहले ही देहांत हो जाता है उन्हें प्यार करने वाला कोईनहीं था और समझने वाला भी कोई नहीं था । व्यापारीअपने व्यापार में व्यस्त रहता था उसे अपने बेटों के बारे में कोई ध्यान नहीं था बस पैसा ही