मंजूलिका

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दोपहर का वक्त है। विजयगढ़ के किले के चारों और एक अजीब सी खामोशी छाई हुई है। अजीत सिंह के शयन कक्ष में दो लोग बैठे हुए हैं। एक खुद अजीत सिंह है जो की गोरे रंग , लंबे कद , सिर पर लाल रंग की पगड़ी रखे हुए, सुडौल शरीर का हटा कट्टा 20-22 वर्षीय नौजवान लड़का है जो विजय गढ़ के महाराजा महेंद्र सिंह प्रताप की इकलौती औलाद , उनका उतराधिकारी और विजय गढ़ का राजकुमार है। अजीत सिंह के बिल्कुल सामने विजयगढ़ के महाराजा महेंद्र सिंह प्रताप के दीवान बलदेव सिंह का सांवले से रंग का ,