तेरे लिए - 2 - बनारस

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अगले दिन,,,,,,सुबह का वक़्त गौरी मन्दिर से घर आ कर जब मेज़ पर नाश्ता लगाने लगी तो उसके  पिताजी उससे बोले "गौरी आज आपके मामा जी और हमारे दोस्त आ रहे है", रघुनाथ जी कुर्सी पर बैठते हुए कहते है। "मामा जी आ रहे है ,फिर तो आज हम स्कूल से आधे दिन की छुट्टी लेके चले आयंगे और उनके लिए खाना भी बनाना होगा ",वो रघुनाथ जी को नाश्ता देते हुए बोलती जा रही थी। रघुनाथ जी ने लगभग बड़बड़ाते हुए कहा "फिर से शुरू हो गया इसका ,अब पूरे दिन ये उसके मन पसंद की चीजे बनाएगी ,पर जब हम बोलते