ब्रम्हशिर - पार्ट 2

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काल द्वापरयुग सम्पूर्ण धनुर्धरों में श्रेष्ठ श्रीकृष्ण पहले उस रथ पर सवार हुए। पराक्रमी अर्जुन तथा कुरुराज युधिष्ठिर उस रथ पर बैठे। वे दोनों महात्मा पाण्डव रथ पर स्थित हुए शांर्ग धनुषधारी श्रीकृष्ण के समीप विराजमान हो इन्द्र के पास बैठे हुए दोनों अश्विनीकुमारों के समान सुशोभित हो रहे थे। वे तीनो नरश्रेष्ठ बड़े वेग से पीछे-पीछे दौड़कर क्षणभर में महाबली भीमसेन के पास जा पहुँचे। कुन्तीकुमार भीमसेन क्रोथ से प्रज्वलित हो शत्रु का संहार करने के लिए तुले हुए थे। इसलिए वे तीनों महारथी उनसे मिलकर भी उन्हें रोक न सके। उन सदृढ़ धनुर्धर तेजस्वी वीरों को देखते देखते