सुनसान रात - 6

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वो थोड़ा और आगे बढ़ी, धीरे धीरे अपने डर को खुद में समेटते हुए, उसने कांपते होंठों से आवाज़ लगाई भोली- भोली और अपनी नज़रें इधर उधर घुमाई, तभी अचानक उसकी नज़र एक औरत पर पड़ी, जिसने काले वस्त्र पहने हुए थे, बिखरे हुए बाल थे उसके, चारों ओर खून बह रहा था वो वहाँ ज़मीन पर बैठी हुई कुछ खा रही थी उसके चबाने की आवाज़ गूंज रही थी। वह स्त्री उसको देख कर बहुत ज्यादा सहम गई थी, उसके शरीर से पसीना छूट रहा था वो डर से थर थर काँप रही थी, फिर भी उसने डरते डरते