प्यार की अर्जियां - 29

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बेबे आगे आगे बेचैनी से तेज कदमों से नीचे जाती है उसके पीछे पीछे संदीप चलता है ..... बेबे तेज कदमों से बड़बड़ाते हुए चलती है ,"वेली हो गई सी कुड़ी ,समझ ना आणा इसे ,,"अब चलते-चलते रास्ते में देखती है तो रावी कहीं नहीं दिखाई देती है फिर अपार्टमेंट के मेन गेट बाहर जाकर देखती है ... संदीप अपने अपार्टमेंट के गार्डन में जाकर देखता है रावी यहां भी नहीं रहती फिर आसपास और देखता है...!! बेबे मेन गेट के बाहर रोड पर नजर मारती है तो कुछ दूर पर दो लड़की चेयर पर बैठे दिखाई देती है ,अब