प्यार की अर्जियां - 32

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बैंगलोर में.... दोपहर को.... बुआ जी कन्या ,और मिहिका दोपहर के भोजन के लिए तैयारी करते रहते हैं मेज़ पर समान रखने का ..उसी समय डोर बेल बजती है ,, बुआ जी दीवाल पर टंगी घड़ी को देखकर कहती हैं इस वक्त कौन आया है , भैया तो चेन्नई गए हैं वो तो कल आने वाले थे ..?? मिहिका कहती हैं ,"हो सकता है काम हो गया हो मैं जाकर देखती हुं दरवाजे पर और दरवाजे के तरफ जाती है , कन्या वापस किचन जाती है ..... मिहिका दरवाजा खोलती है और सामने देखकर चौंकते हुए कहती हैं ,"संदीप जीजू