इम्तेहान-ए-इश्क़ या यूपीएससी - भाग 9

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सफलता, समाज और संघर्ष("सिर्फ साथ चलने की ख्वाहिश काफी नहीं होती, साथ निभाने के लिए दुनिया से लड़ने का हौसला भी चाहिए।")अब तक का सफ़र इश्क में डूबा हुआ था, लेकिन अब सामने है वो हकीकत की दीवार, जहाँ मोहब्बत को खुद को साबित करना होगा, प्यार को जज़्बात से निकालकर ज़िम्मेदारी में बदलना होगा। अब वो दौर आएगा जहाँ इम्तहान सिर्फ़ UPSC या PCS नहीं है... बल्कि समाज का, परिवार का, और सबसे ज्यादा खुद अपने इरादों का भी होगा।PCS का रिजल्ट और जिंदगी की पहली जीतकाफी महीनों बाद... PCS परीक्षा का रिजल्ट आया। एक गर्म दोपहर, जब दानिश